शिक्षिका की बीएड डिग्री फर्जी

ऊना। हरोली के ललहड़ी इलाके के एक स्कूल में कार्यरत अध्यापिका की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई है। शिक्षा विभाग ने शिकायत के आधार पर डिग्री की प्रति सत्यापित करने के मकसद से वाराणसी के संबंधित संस्थान को भेजी थी। वाराणसी से विभाग को आए जवाब में संस्थान प्राचार्य ने लिखा है कि इस अनुक्र मांक और नामांकन संख्या के अधीन शैक्षणिक सत्र 2004-05 में कोई भी छात्र या छात्रा संस्थान में पंजीकृत नहीं है।
ललहड़ी क्षेत्र के शिकायतकर्ता गुरबारा सिंह ने भी शिकायत से पूर्व संस्थान से आरटीआई के तहत यही सवाल पूछकर डिग्री के फर्जी होने की बात को पुख्ता कर दिया था। शिक्षा उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा निर्मल रानी ने वाराणसी से जवाब आने की पुष्टि करते हुए कहा कि संस्थान ने डिग्री को फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिक्षिका को नौकरी से बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बीईईओ हरोली गुरदीप सिंह ने वाराणसी से जवाब आने के बाद बुधवार को उपनिदेशक को पूरी रिपोर्ट रिकार्ड सहित सौंपी। गुरदीप सिंह ने बताया कि फर्जी करार दी गई डिग्री पर अनुक्रमांक 0782, नामांकन संख्या पीयू-0121502-2004 और सत्र 2004-05 दर्शाया गया है। वाराणसी के हरीशचंद्र पीजी कालेज के प्रधानाचार्य डा. बीके राय ने शिक्षा विभाग को प्रेषित अपने जवाब में लिखा है कि इस अनुक्रमांक, नामांकन संख्या के तहत सत्र 2004-05 में कोई भी छात्र या छात्रा संस्थान के पास पंजीकृत नहीं है। शिक्षा को विभाग जल्द नौकरी से बर्खास्त कर सकता है।

फंस सकते हैं नेताजी!
ऊना। गुरबारा सिंह की ओर से शिकायत दायर करने के बाद जैसे ही विभाग ने डिग्री वाराणसी भेजी थी तो उस दौरान शिक्षिका ने आनन-फानन में पुलिस के समक्ष एक शिकायत पत्र सौंपा डाला था। करीब डेढ़ माह पूर्व सौंपे गए शिकायत पत्र में शिक्षिका ने कहा था कि यह डिग्री उन्हें एक बसपा नेता ने दिलाई थी। नेता को इसकी एवज में डेढ़ लाख रुपये का भुगतान की भी शिक्षिका ने बात कही थी। उक्त नेता पर इससे पहले भी कुछ अन्य लोगों ने ऐसे आरोप लगाए थे। डीएसपी हेडक्वार्टर सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षिका के शिकायत पत्र के आधार पर पुलिस भी आगामी कार्रवाई कर सकती है।

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